MPPT (Maximum Power Point Tracking) – सोलर पावर सिस्टम का दिल
MPPT यानी Maximum Power Point Tracking एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली को इस तरह नियंत्रित करता है कि वह हमेशा अधिकतम बिजली (Maximum Power) दे सके। यह तकनीक सोलर पावर सिस्टम की एफिशिएंसी 20-30% तक बढ़ा सकती है।
MPPT कैसे काम करता है?
- सोलर पैनल से DC (Direct Current) बिजली मिलती है।
- MPPT चार्ज कंट्रोलर सोलर पैनल की वोल्टेज और करंट को हर समय चेक करता है।
- MPPT एक Power Tracking Algorithm के जरिए यह तय करता है कि किस वोल्टेज और करंट पर सबसे ज्यादा बिजली मिल रही है।
- फिर MPPT सिस्टम सोलर पैनल की वोल्टेज और करंट को इस तरह सेट करता है कि Maximum Power Output मिले।
MPPT का फॉर्मूला
MPPT हमेशा इस फॉर्मूले पर काम करता है:
P = V × I
जहां,
- P = Power (Watt)
- V = Voltage (Volt)
- I = Current (Ampere)
MPPT के फायदे
- सोलर पैनल की एफिशिएंसी 20-30% तक बढ़ती है।
- बैटरी की लाइफ बढ़ती है।
- कम रोशनी में भी ज्यादा बिजली मिलती है।
- हर मौसम में अच्छी परफॉर्मेंस मिलती है।
MPPT और PWM में अंतर
MPPT | PWM |
---|---|
20-30% ज्यादा बिजली | कम बिजली |
12V, 24V, 48V सभी सिस्टम पर काम करता है | सिर्फ 12V और 24V सिस्टम पर काम करता है |
महंगा होता है | सस्ता होता है |
98% तक एफिशिएंसी | 70-80% एफिशिएंसी |
MPPT चार्ज कंट्रोलर कैसे चुनें?
- सोलर पैनल की कुल क्षमता देखनी चाहिए।
- चार्ज कंट्रोलर की वोल्टेज और करंट रेटिंग चेक करें।
- ब्रांड की वारंटी और एफिशिएंसी को जरूर देखें।
निष्कर्ष
MPPT चार्ज कंट्रोलर सोलर पावर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर आप सोलर पैनल से ज्यादा बिजली निकालना चाहते हैं तो हमेशा MPPT चार्ज कंट्रोलर का इस्तेमाल करें। यह आपकी सोलर सिस्टम की एफिशिएंसी को काफी हद तक बढ़ा सकता है और बैटरी की लाइफ भी लंबी कर सकता है।
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PV System